Sunday 26 September 2010

शान्ति की विजय अशांति पर

उस मासूम बच्ची की आँखों में
आंसूं थे
आंसूं, अपने माँ बाप को खो देने के
आंसूं अपने भाई बहेन के बिना
अकेले शवों के बीच बेठने के।

२६/११ ने उससे उसकी ज़िन्दगी चीन ली
आतंकवाद ने उससे उसकी हस्सी चीन ली
कौन सिखाएगा उसको ज़िन्दगी का मतलब?
क्या आशा है, उसके आंसुओं को
खिलखिलाहट में बदलने की?
क्या शान्ति बरकरार रहेगी?
कौन लाएगा शान्ति? जवाब है?

मेरे पास है।
हम लायेंगे शान्ति।
दिखादेंगे आतंकवादियों को
की शान्ति की ही विजय होगी।
प्रचार करेंगे, अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे
पर शान्ति की राह को
कभी नहीं टूटने देंगे।

बढाओ शान्ति और दिखायो आशा
मिटाओ आतंकवाद और निराशा
बन्ना है हमे एक संसार
चाहे कोई भी देश या कोई भी भाषा

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