Friday 2 August 2013

यह जो मेरा नगर है

यह जो मेरा नगर है 
यहाँ है प्रेम और प्यार .
यह जो मेरा नगर है
न कोई भेद-भाव या तकरार.
 
खुद से पहले पड़ोसी को रखें 
मदद  के लिए बढाएं हाथ .
कठिनाई जो हमारे सामने आये 
मिलके निकालें हल एक साथ.
 
न पक्षी को हम तंग करें 
न पेड़ो को हम काटें 
कूड़ा करना सख्त मना 
साफ़ सफाई आपस में बाटें .
 
बिमारी की जब आये बाड़
और तन्हाई के बादल जब आयें 
परेशानी का मातम जो छा गया
और दुःख सबको तडपाये 
 
रखें एक दूसरे के कंधे पे हाथ 
आशा की किरण दिखे 
मरीजों का इलाज हो 
भर पेट सो जाएँ भूखे 
 
यह जो प्रकृति है ,
इसका हम करें सम्मान 
भगवान की इस देन पर 
हम सदा रहें मेहरबान 
 
यह जो हमारा नगर है 
यहाँ है प्रेम और प्यार 
यह जो हमारा नगर है 
न भेद भाव या तकरार .
 
 

No comments:

Post a Comment